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तालाबों व जलाशयों को सहेजने व संरक्षण के साथ ‘वेटलैंड सिटी’ के तय नौ में से चार मापदंड पूरा करने पर इंदौर को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली है। गौरतलब है कि इंदौर में सिरपुर तालाब को सहेजने के लिए विगत 13 वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं। अब यशवंत सागर के भी संरक्षण की योजना बनाई गई है।

इंदौर के इन दोनों तालाबों को जनवरी 2022 में रामसर साइट का दर्जा मिला था। इसके बाद नगर निगम ने दोनों तालाबों के संरक्षण के लिए किए कार्यों के आधार पर ‘वेटलैंड सिटी’ का एक्रीडिएशन पाने के लिए सितंबर 2023 में प्रयास शुरू किए। इसके परिणाम स्वरूप ही इंदौर को करीब डेढ़ साल बाद वेटलैंड सिटी का दर्जा प्राप्त हुआ।

तालाब के विकास के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई है योजना

सिरपुर तालाब के विकास के लिए नगर निगम द्वारा दो माह पहले 62 करोड़ रुपये की योजना केंद्र सरकार को भेजी गई है। वहीं यशवंत सागर के विकास के लिए योजना तैयार की जा रही है। वहां किए जाने वाले कार्यों का आकलन कर राज्य सरकार से केंद्र को योजना भेजने की तैयारी है।

डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था प्रयास

इंदौर निगम ने वेटलैंड सिटी का दर्जा पाने के लिए लगभग डेढ़ साल पहले प्रयास करना शुरू कर दिया था। अगस्त 2023 में ‘वेटलैंड सिटी एक्रीडिएशन’ के अंतर्गत तालाबों से जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक किया गया। नेतृत्व कलेक्टर और महापौर ने किया। वेटलैंड सिटी एक्रीडिएशन का आकलन रामसर सम्मेलन के मानकों के आधार पर किया गया।

तालाबों की सफाई और पानी को स्वच्छ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए गए। वेटलैंड 2017 के तहत सभी नियमों का पालन किया गया। वहीं तालाब में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं की जानकारी जुटाई गई। मछलियों, मेंढकों, सांपों और केंचुओं की विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन किया गया।

 

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