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नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) ने तीन माह में चालीस हजार से अधिक आवासों को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने विगत मंगलवार को अधिकारियों की बैठक ली थी, जिसमें अधूरे कार्यों को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने अधूरे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे।

 

रैपिड असेसमेंट सर्वे

दरअसल, प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के अंतर्गत 192 नगरीय निकायों के हितग्राहियों को पक्के मकान से लाभान्वित करने के लिए रैपिड असेसमेंट सर्वे (संभावित पात्र हितग्राहियों का सर्वेक्षण) किया जा रहा है।

 

निर्माण कार्य तक शुरू नहीं हो पाया

इधर, प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के अभी तक 41,563 आवास अधूरे पड़े हैं। करीब चार हजार का निर्माण कार्य तक शुरू नही हो पाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के तहत केंद्र सरकार की ओर से 2,49,166 आवास की स्वीकृत मिली थी। इसमें से अब तक 2,03,654 पूर्ण हो चुके हैं।

 

 

पीएमएवाई-यू 2.0 में बढ़े 22 निकाय

पीएमएवाई-यू 2.0 में 13 जिलों में 22 निकाय बढ़े हैं। पहले चरण में 170 निकाय शामिल थे, जो अब बढ़कर 192 हो गए हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में वंचित शहर और कस्बों को दूसरे चरण में शामिल के निर्देश दिए हैं।

राज्य सरकार ने भी नगर निगम के सभी आयुक्तों और नगर पालिका परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र जारी कर पहले चरण में वंचित शहरों और कस्बों को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय से मंजूरी के बाद दूसरे चरण में शामिल करने के निर्देश दिए है।

केंद्र और राज्य सरकार की मंशानुसार सभी पात्र हितग्राहियों को आवास आवंटित किया जाना है। सर्वे के बाद पात्रता परीक्षण कराया जाएगा। इसके लिए संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा।

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