उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 128 किलोमीटर दूर एक अद्भुत शिव मंदिर है. लाखामंडल नामक स्थान पर होने के वजह से इसे ‘लाखामंडल शिव मंदिर’ के नाम से भी जानते हैं. ऐसा मान्यता है कि महाभारत काल में दुर्योधन ने यहां पांडवों को जलाकर मारने की कोशिश की थी. अज्ञातवास के दौरान युधिष्ठर ने इसी स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी. जो मंदिर में आज भी मौजूद है. मंदिर में मौजूद इस शिवलिंग को महामुंडेश्वर के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मृत व्यक्ति (Dead Person) को शिवलिंग के सामने रखने के बाद पुजारी द्वारा अभिमंत्रित जल छिड़कने पर वह जीवित हो जाता था. कुछ पल के लिए जिंदा हुआ व्यक्ति शिव का नाम लेकर गंगाजल को ग्रहण करता है और उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है. (सभी फोटो @TheSanatanOrg से लिए गए हैं.)