मुस्लिम समाज खासतौर पर पसमांदा मुस्लिम समाज के बच्चों को अधिकार को दिलाने और उन्हें विकास की गति से जुड़ने के लिए धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ बुनियादी शिक्षा से भी जोड़ना जरूरी है. यह बात राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कही.