ओडिशा हाई कोर्ट (Odisha High Court) ने एक फैसले में कहा है कि किसी झगड़े में किसी की जाति का नाम लेना SC-ST एक्ट के तहत आपराधिक केस के लिए काफी नहीं है. कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के आरोपों को खारिज कर दिया, लेकिन कोर्ट ने आईपीसी के तहत मामले में लगाए गए अन्य आरोपों को खारिज नहीं किया.