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superstitious in MP. मध्यप्रदेश के शहडोल में दगना कुप्रथा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. बीते दिनों इस कुप्रथा के शिकार हुए दो मासूमों की मौत हो गई है. फिर भी गांव के लोग इस प्रथा को गलत नहीं मान रहे हैं. गांव वालों का मानना है कि दगना प्रथा बच्चों की मौत का कारण नहीं है बल्कि दगना से सिर्फ दर्द होता है और बीमारी का इलाज होता है. इस प्रथा को अलग-अलग इलाकों में विभिन्न मान्यताओं के साथ के माना जाता है. इस कुप्रथा में बच्चों को निमोनिया या डबल निमोनिया की बीमारी हो जाने पर इलाज के नाम पर गर्म लोहे की कील, काली चूड़ी, नीम या बांस की डंठल से दगवाने का काम किया जाता है. बच्चों पर ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी इस कुप्रथा से खुद को दागते हैं.

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