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Chhattisgarh Forest Recruitment Scam: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार वन मंडल में वाहन चालकों की भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है। भर्ती प्रक्रिया में अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की अनदेखी की गई और दस्तावेजों की जांच में भी भारी गड़बड़ी हुई। परीक्षा में अभ्यर्थियों को तय अंकों से ज्यादा नंबर देकर पूरे चयन को ही शक के घेरे में ला दिया गया है। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस मामले में गड़बड़ी की आशंका जताई है और जांच की बात कही है।

भर्ती प्रक्रिया कैसे हुई?
बलौदाबाजार वन मंडल में हल्के वाहन चालकों के 3 और भारी वाहन चालकों के 2 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। 3 अप्रैल से 11 अप्रैल तक अभ्यर्थियों की ड्राइविंग स्किल और वाहन मशीन ज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा ली गई। परिणाम तैयार करते समय इन परीक्षाओं में मिले अंकों के साथ अनुभव के अंक जोड़कर मेरिट सूची बनाई गई।
हल्के वाहन चालक के लिए 178 और भारी वाहन चालक के लिए 73 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिन्हें क्वालिफाई माना गया। लेकिन जब आपत्ति आमंत्रित की गई, तब गड़बड़ियां सामने आने लगीं।
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एक ही व्यक्ति के नाम दोनों सूचियों में
दो ऐसे उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने हल्के और भारी दोनों तरह के वाहन चालक पदों के लिए आवेदन किया था, और दोनों ही मेरिट सूचियों में उनके नाम हैं। सवाल यह उठता है कि अगर किसी के पास हल्के वाहन का अनुभव है, तो क्या उसी समय पर उसने भारी वाहन चलाने का अनुभव भी ले लिया? इस बात की शिकायत मुख्य वन संरक्षक, रायपुर सर्कल को की गई है।
परीक्षा लेने में भी नियमों की अनदेखी
नियमों के अनुसार वाहन मशीनी ज्ञान की परीक्षा आरटीओ, पीडब्ल्यूडी इंजीनियर या पुलिस विभाग के आरआई को लेनी चाहिए थी। लेकिन इस परीक्षा को एक डिप्टी रेंजर ने लिया। इतना ही नहीं, परिणाम पर रेखा ठाकुर नाम की अधिकारी के हस्ताक्षर हैं, जो उस समय परीक्षा स्थल पर मौजूद ही नहीं थीं।
तय अंकों से ज्यादा अंक बांटे
चयन समिति ने अनुभव के लिए 40 अंक, मशीनी ज्ञान के लिए 50 अंक और अनुभव प्रमाण के लिए 10 अंक निर्धारित किए थे। लेकिन देखा गया कि हल्के वाहन चालक के 3 और भारी वाहन चालक के 15 उम्मीदवारों को अनुभव में 40 से ज्यादा अंक दिए गए, जो कि नियमों के खिलाफ है।
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