राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) बचपन से ही काफी सेंसिटिव थे. अपने पिता के लाख कहने के बावजूद उनके बिजनेस में हाथ नहीं बंटाया और थियेटर में रम गए. राजेश थियेटर की मंडली के साथ वक्त बिताते और यहीं से एक्टिंग स्किल को तराशा. अपने नाटक को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते थे.
राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) बचपन से ही काफी सेंसिटिव थे. अपने पिता के लाख कहने के बावजूद उनके बिजनेस में हाथ नहीं बंटाया और थियेटर में रम गए. राजेश थियेटर की मंडली के साथ वक्त बिताते और यहीं से एक्टिंग स्किल को तराशा. अपने नाटक को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते थे.