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राजिम कुंभ कल्प (Rajim Kumbh Kalp) की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान बनी है. इस आयोजन से सांस्कृतिक समृद्धि, धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है. इस बार के मेले (Rajim Kumbh Mela 2025) में विशाल संत समागम, यज्ञ, प्रवचन, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम विशेष आकर्षण होंगे. राजिम कुंभ कल्प धर्म, आस्था और संस्कृति का संगम होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक शांति का संदेश भी देता है. यह मेला छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा और लोक संस्कृति का जीवंत प्रमाण है. छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में प्रसिद्ध राजिम में माघ पूर्णिमा (Magha Purnima) से महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) तक आयोजित होने वाले राजिम कुंभ कल्प 2025 की भव्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस वर्ष का आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक होगा. आज शुभारंभ अवसर पर पार्श्व गायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) की प्रस्तुति होगी.

नया मेला स्थल चौबे बांधा, राजिम में लगभग 54 एकड़ में यह भव्य मेला लगेगा. राज्यपाल रमेन डेका 12 फरवरी को इस पवित्र मेले का शुभारंभ करेंगे. उनके साथ विशिष्ट संत महापुरुषों की उपस्थिति इस आयोजन को और भी दिव्य बनाएगी. इस वर्ष के राजिम कुंभ कल्प में देशभर के संत, महंत और आध्यात्मिक गुरु अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. शुभारंभ समारोह में शंकराचार्य आश्रम रायपुर के दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद तीर्थ जी महाराज, दूधाधारी मठ रायपुर के राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी महाराज, संत विचार साहेब जी महाराज (श्री कबीर संस्थान, रायपुर), स्वामी डॉ. राजेश्वरानंद जी महाराज (सुरेश्वर महादेव पीठ, रायपुर) सहित अनेक संतों की उपस्थिति इस धार्मिक आयोजन की गरिमा को और बढ़ाएगी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को राजिम कुंभ कल्प और शिबरीनारायण मेले की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 12 फरवरी से महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर प्रारंभ हो रहा राजिम कुंभ कल्प न केवल छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जीवंत संगम भी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ पूर्णिमा के अवसर पर शिवरीनारायण में महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के पावन संगम पर मेले का आयोजन होता है, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये आयोजन प्रदेश की समृद्ध परंपराओं और आध्यात्मिक चेतना को सशक्त करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

राजिम कुंभ कल्प में धार्मिक अनुष्ठानों, प्रवचनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला होगी. त्रिवेणी संगम में प्रतिदिन संध्या 6.30 बजे महानदी आरती, मुख्य मंच, नया मेला स्थल, चौबे बांधा में शाम 4 बजे से 7 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा.

पूज्य डॉ. संजय कृष्ण सलिल जी महाराज, नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा 13 फरवरी से 19 फरवरी तक शाम 4 से 7 बजे तक भागवत कथा होगी.संत गुरूशरण जी महाराज पंडोखर सरकार, दतिया द्वारा 21 फरवरी से 25 फरवरी तक सत्संग दरबार लगेगा.12 फरवरी से 26 फरवरी तक राष्ट्रीय एवं आंचलिक कलाकारों द्वारा शाम 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी.

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