ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को नए वर्ष की तरह दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। भक्तों को चारधाम मंदिर के सामने से शक्तिपथ के रास्ते महाकाल महालोक होते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
यह निर्णय शनिवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। कलेक्टर ने शिवरात्रि से पहले रुद्रसागर पर बन रहे पैदल पुल का काम पूरा करने के निर्देश दिए। महाकालेश्वर अतिथि निवास तथा हरसिद्धि धर्मशाला में पेंट्री शुरू करने पर भी सहमति बनी है।
महाशिवरात्रि की तैयारी पर केंद्रित रही बैठक में कलेक्टर ने महापर्व को उज्जैन में वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की रिहर्सल बताया। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर देशभर से हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचेंगे। ऐसे में भीड़ नियंत्रण, सुगम यातायात तथा सुरक्षा व्यवस्था हमारी पहली प्राथमिकता होगा।
दर्शन करने आने वाले भक्त सुबह शिप्रा स्नान भी करेंगे। ऐसे में महाकाल मंदिर के साथ शिप्रा के घाटों पर पर्याप्त सुविधा व सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए। इसके लिए सभी आवश्यक कार्य प्राथमिकता के आधार समय सीमा में पूरे होना चाहिए। इसमें रुद्रसागर पर बन रहा पैदल पुल भी शामिल है।
महाकाल महालोक के सामने पार्किंग परिसर में दानदाता के सहयोग से बनाया गया श्री महाकालेश्वर अतिथि निवास अब मंदिर समिति की प्रमुखता सूची में शामिल हो गया है। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने बने इस तीन सितारा होटल जैसी सुविधा वाले यात्री गृह के उन्नयन की योजना है।
जल्द ही यह भवन जी प्लस फोर श्रेणी का होकर पांच मंजिला होगा। आने वाले समय में इसी के समीप रोप वे का बोर्डिंग स्टेशन बनेगा। यहां यात्री सुविधा के लिए बड़े जनरेटर स्थापित करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई है।