मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव का असर बिजली की खपत पर नजर आ रहा है। प्रदेश में हुई गरज-चमक के साथ बारिश और तूफान के कारण तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इससे बिजली की मांग 2000 मेगावाट तक कम हो गई है।
45 डिग्री तक पहुंच गया था तापमान
दो दिन से प्रदेश में बिजली की मांग घट गई है। सामान्यत: जब प्रदेश में तापमान 45 डिग्री को पार कर गया था तब प्रदेश सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 6800 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ रही थी लेकिन अब बारिश के कारण मौसम सुहाना होने से बिजली की खपत में 2000 मेगावाट तक की गिरावट आई है।
500 मेगावाट का उत्पादन प्रभावित
इधर तकनीकी गड़बड़ी के कारण कोरबा पश्चिम स्थित हसदेव ताप विद्युत गृह की पांचवीं इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है। गड़बड़ी को ठीक करने का कार्य चल रहा है। बताया जाता है कि इस यूनिट के बॉयलर ट्यूब में लिकेज आया है इससे यूनिट उत्पादन से बाहर हुई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा।
खपत कम होने से राज्य सरकार को लाभ
CG News: बिजली की खपत कम होने से प्रदेश सरकार को आर्थिक लाभ हो रहा है। छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी राज्य की जरूरत के अनुसार बिजली पैदा नहीं कर पाती लिहाजा प्रदेश सरकार को दूसरे प्रदेशों से महंगे दर पर बिजली खरीद कर घरेलू आवश्यकताओं को पूर्ति करनी पड़ती है।