छत्तीसगढ़ में राजनीति का केंद्र रही धान खरीदी का आज 31 जनवरी को आखिरी दिन है। प्रदेश में अब तक 147 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से खरीदी गई है। अब तक करीब 25 लाख 21 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेची है। वहीं आज आखिरी दिन है।
प्रदेश सरकार ने इस साल धान खरीदी का लक्ष्य 160 लाख मिट्रिक टन का रखा था। हालांकि यह लक्ष्य अभी पूरा नहीं हो पाया है। सरकार के पास आज आखिरी दिन हैं। बता दें कि प्रदेश में 2 हजार 739 उपार्जन केंद्रो में धान खरीदी की गई है।
छत्तीसगढ़ में विपक्ष कांग्रेस ने धान खरीदी के मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। इसी के साथ ही धान खरीदी केंद्रों पर हो रही गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने हर खरीदी केंद्रों का अवलोकन किया था। इसके बाद धरना प्रदर्शन किया था। इसके बाद धान खरीदी केंद्रों पर बीजेपी सरकार ने व्यवस्थाओं को और दुरुस्थ किया था।
छत्तीसगढ़ में करीब 25 लाख 21 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेची है। इन किसानों को अंतर की राशि प्रदान की जाएगी। बता दें किसानों से समर्थन मूल्य पर 2300 रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीदी केंद्र सरकार के द्वारा की जा रही है। जबकि राज्य में सरकार ने किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी का चुनाव के समय वादा किया था।
इस वादे को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऐलान किया था कि धान खरीदी बंद होने के बाद किसानों को अंतर की राशि 800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से दी जाएगी। आज 31 जनवरी 2025 को धान खरीदी बंद होने के बाद यह राशि जल्द जारी हो सकती है।