छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। 28 जनवरी के पहले प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करना होगा। लेकिन अब तक उम्मीदवारों का ऐलान कोई भी राजनीतिक दल नहीं कर पाए हैं। ऐसे में अब चर्चा है कि 5 दिन के अंदर कैसे होगा कैंडिडेट्स का चयन, इसके लिए पॉलिटिकल पार्टियां कितनी तैयार हैं। अभी तक बीजेपी और कांग्रेस अपने पत्ते नहीं खोल पाई है।
नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों के पास मात्र पांच दिन का वक्त बचा है। वहीं अगले महीने 11 फरवरी को नगरीय निकाय चुनाव की वोटिंग होगी। ऐसे में उम्मीदवारों के पास अपना प्रचार करने के लिए भी बहुत कम समय है। वहीं पार्टियों के द्वारा अभी उम्मीदवारी घोषित नहीं करने से सबसे ज्यादा परेशानी नगरीय निकाय चुनाव में हो सकती है। क्योंकि चुनाव प्रचार के लिए किसी भी कैडिडेट के पास समय ज्यादा नहीं है। हालांकि पंचायत चुनाव में जरूर समय है।
छत्तीसगढ़ में अब नामांकन के लिए पांच दिन का वक्त बचा है। जहां निकाय चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो गया है। जबकि बीजेपी-कांग्रेस ने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। जबकि नामांकन 28 जनवरी तक होंगे। जबकि सियासी दलों के पास 5 दिन का वक्त है। ऐसे में करीब 3 हजार प्रत्याशियों का ऐलान होना है।
छत्तीसगढ़ में 10 नगर निगम, 45 नगर पालिका और 114 नगर पंचायत के 2 हजार 800 वार्डों में चुनाव होना है। जहां नामांकन के लिए 28 जनवरी दोपहर 3 बजे तक का समय है। वहीं 31 जनवरी को नाम वापसी का आखिरी दिन है। ऐसे में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद रूठों को मनाने का भी वक्त कम रहेगा, ऐसे में संगठनों के पास हर काम करने के लिए मात्र पांच दिन का ही समय है।
नगरीय निकायों में 11 फरवरी को मतदान होगा। इसको लेकर 28 फरवरी के बाद प्रचार प्रसार शुरू कर दिए जाएंगे। ऐसे में उम्मीदवारों के पास अपने प्रचार के लिए समय नहीं बचा है। सबसे ज्यादा समस्या निकायों में महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष के लिए होगी। जो अपना प्रचार पूरे इलाके में नहीं कर पाएंगे, पूरा करने में उन्हें दिन और रात एक करना पड़ेगी।
छत्तीसगढ़ में पहली बार 35 दिनों में नगरीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव पूरे होंगे। निकाय के लिए नामांकन के बाद महज़ 10 दिन प्रचार के लिए मिलेंगे। ऐसे में कौन सा दल जनता तक अपनी बातें पहुंचा पाएगा। ये देखना दिलचस्प होगा।