जिले में गुरुवार की शाम आई आंधी ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया। पेड़ गिरने व बिजली पोल टूटने से पानी, बिजली व्यवस्था तहस नहस हो गई। आंधी का असर दूसरे दिन शुक्रवार को भी रहा। आंधी के कारण बिजली पोल और कई लोकेशन पर तार टूटे मिले।
3 हजार शिकायतें
260 पोल ग्रामीण में टूटे
40 पोल शहरी क्षेत्र में टूटे
3 हजार आई शिकायतें
बिजली बाधित होने के बाद व्यापारियों से लेकर घरेलू उपभोक्ताओं के फोन लगातार आते रहे। फोन उठाने वाला कोई नहीं था। पूरा अमला मेंटेनेंस कार्य में जुटा था। बिजली कंपनी की साइट पर करीब 3 हजार शिकायतें मिली। तेज अंधड़ ने जेवरा स्थित श्रद्धा राइस मिल की टीन शेड को उड़ा दिया। उस दौरान मिल के गोडाउन में 50 हजार क्विंटल धान रखा था। जिसमें 30 हजार कट्टा धान भीग गया। मिल संचालक विनित जैन ने बताया कि किराए पर जेवरा में गोदाम लिया था। धान गीला होने से 40 लाख रुपए का नुकसान हो गया है।
शहर के कई स्थानों पर 4 घंटे बाद लाइन चालू हो गई। कई स्थानों पर दूसरे दिन शुरू हुई। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा नुकसान हुआ है। करीब 260 पोल इस आंधी में टूट कर गिर गए, लेकिन खेंतों में लगे पोल की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। वहीं शहरी क्षेत्र में 40 पोल टूटे। शहर के 38 लोकेशन में तार टूट गए है। जहां पर पोल और पेड़ बड़े है, उसको हटाने में दिक्कत हो रही है। इन क्षेत्रों में शनिवार को लाइट आ पाएगी।
बारिश के साथ अंधड़ के कारण बेतरतीब होर्डिंग में लगे लैक्स फटकर उड़े और बिजली के तार में लपट गए। इसके कारण एलटी लाईन और 11 केवी लाइन बंद हो गई। इसके कारण लोग परेशान होते रहे। बिजलाी नहीं होने के कारण लोग दिनभर उमस में परेशान रहे।
संजय खंडेलवालईई, दुर्ग संभाग