नक्सल प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे अभियान का ही नतीजा है कि 4 दशकों मे पहली बार 2022 में नागरिकों और सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 100 से कम रह गई है. नक्सल विरोधी अभियान जुड़े रणनीतिकारों का मानना है कि इस बाबत मोदी सरकार के तीन प्रमुख स्तम्भ हैं- उग्रवादी हिंसा पर उतनी ही कड़ा प्रहार और उसके साथ लगाम कसना, केंद्र-राज्य के बीच बेहतर समन्वय और विकास से जन-भागीदारी के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद के प्रति समर्थन खत्म करना. पिछले 9 सालों में सरकार ने इस दिशा में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है.