4078145881738806504
14271021545470334915

jhansi dharm news: इस मंदिर की कहानी गौमाता से शुरू होती है. एक प्यारी सी सुंदर गाय हर रोज इस पहाड़ पर स्थित गुफा से निकलकर चरने के लिए एक बरेदी के पास पहुंची थी. बरेदी के मन में एक दिन लालसा जागी की देखें इस गुफा के अंदर क्या है? बरेदी गुफा के अंदर गौमाता को पूंछ पकड़कर पहुंच गया. वहां बरेड़ी मतलब गड़रिया को एक सुंदर सा आश्रम दिखा और उसमें एक महात्मा बैठे हुए मिले. बरेदी ने साधना में लीन कपिल मुनि से कहा कि आपकी गाय हर रोज मेरे पास चरने के लिए आती थी. मुझे अपना मेहनताना चाहिए. संत ने उसे भभूति दे दी. एक कहावत है, ‘भोले की भभूति में है खजाना कुबेर का’ उस चरवाहा को समझ में नहीं आया कि भभूति नहीं बल्कि पूरा खजाना उसे मिल चुका है. जब वह अपने घर पहुंचा तो वह पूरी तरह से मालामाल हो चुका था.

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *