प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन फ्री है, लेकिन कई युवा इसका गलत उपयोग कर रहे हैं। बिना तैयारी के ही परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। परीक्षा को लेकर युवा गंभीर नहीं है। इसका अंदाजा हाल ही में व्यापमं द्वारा जारी परिणामों को देखकर लगाया जा सकता है। छात्रावास अधीक्षक के 300 पदों के लिए साढ़े छह लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया। परीक्षा में साढ़े तीन लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें भी तीन लाख युवाओं को 15 अंक भी नहीं मिले। इसी तरह लैब असिस्टेंट की भर्ती में बड़ी संख्या में युवाओं को शून्य अंक मिले हैं।
प्राप्त आवेदनों के अनुसार, व्यापमं को परीक्षा की तैयारी करनी पड़ती है। संख्या के आधार पर ही प्रश्न पत्रों की छपवाई करवाई जाती है, साथ ही परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था की जाती है। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचते हैं। इससे शासन का आर्थिक नुकसान होता है।