4078145881738806504
14271021545470334915
ब्रेकिंग न्यूज़
Raipur Suitcase Murder Case में नया मोड़:सुलझी लाल सूटकेस की गुत्थी.. इस कारण आरोपियों ने की अधेड़ की हत्या, पूछताछ जारी UP Samuhik Vivah Yojna Rule: सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में लागू किए नए नियम, वर-वधू की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य Gold Price Today: सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट, चांदी भी 1000 रुपए किलो सस्ती, अपने शहर में गोल्ड के रेट जानें Breaking News: शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के लिए आज होंगे रवाना, रूस का दावा- 40 से ज्यादा यूक्रेनी ड्रोन गिराए Sonam Raghuvanshi Laptop Mystery: सोनम के Laptop में Digital सबूत होने की आशंका, Contractor ने ही बिना खोले फेंका था MP Sharaabi Madam: स्कूल में शराबी मैडम का हंगामा, नशे में स्टाफ से बहसबाजी का वीडियो वायरल, विभाग ने किया सस्पेंड

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में एक नई आत्मसमर्पण और पीड़ित पुनर्वास नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत माओवादी हिंसा के शिकार लोगों को भूमि और नक्सल रोधी अभियानों में सुरक्षा बलों की सहायता से मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत-पुनर्वास नीति 2025’ का उद्देश्य नक्सली हिंसा के प्रभावितों को बेहतर मुआवजा, मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और नौकरी के अवसर प्रदान करना है।

साथ ही, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास और नया जीवन शुरू करने के लिए कानूनी सहायता भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि आत्मसमर्पण करने वाले अविवाहित नक्सलियों या जिनके पति या पत्नी अब जीवित नहीं हैं, उन्हें आत्मसमर्पण के तीन साल के भीतर विवाह करने के लिए एक लाख रुपये का अनुदान मिलेगा।

मंत्रिपरिषद द्वारा हाल ही में मंजूर की गई इस नीति में माओवादी हिंसा के शिकार व्यक्तियों को ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि या शहरी क्षेत्रों में आवासीय भूमि देने का भी प्रावधान है। इसका मुख्य उद्देश्य नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों की सहायता करना और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज में पुनः समाहित करना है।

अधिकारियों के अनुसार, सरकार का मानना है कि नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई और पुनर्वास के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

नई नीति के तहत, नक्सल रोधी अभियानों में पुलिस की विशेष सहायता करने वाले मुखबिरों की मृत्यु पर मुआवजे की राशि को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, नक्सली हिंसा में स्थायी विकलांगता के मामलों में मुआवजा राशि को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया गया है।

यदि नक्सलियों द्वारा किसी को हत्या, गंभीर चोट या स्थायी विकलांगता पहुंचाई जाती है, तो प्रभावित व्यक्ति या उसके परिवार को शहरी क्षेत्रों में 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि या 1,742 वर्ग फुट आवासीय भूमि दी जाएगी। यदि भूमि उपलब्ध नहीं हो पाती है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में चार लाख रुपये और शहरी क्षेत्रों में आठ लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *